आख़िर में जैसा कि व्योम ने कहा-जाओ दोस्त तुम्हें कोई कभी नहीं...
3.
तुम जो बन जाओ दोस्त मेरे, दिल की धड़कन भी एक गजल हो जाए ||
4.
तुम्हें खून बहाने का शौक है तो खूब बहाओ नही तो पतली गली से निकल जाओ दोस्त ।
5.
तुम्हें खून बहाने का शौक है तो खूब बहाओ नही तो पतली गली से निकल जाओ दोस्त ।
6.
देखो, आकाश में आज पूरा चंद है मुझे छोड़कर न गुजर जाओ दोस्त, पुकारो, और मैं फिर उठ चलूंगा.
7.
यही सोच कर दोस्त बन जाओ दोस्त कि ये पाठक जी के अलफ़ाज़ हैं: कि आज के बेमुरव्वत ज़माने में दोस्ती जैसी बेमिसाल चीज़ बड़ी मुश्किल से मिलती है, मैं तो आपके खजाने में इजाफा ही करने की गुजारिश कर रहा हूँ।
8.
काश! पहले ही की तरह बेरों का ताजा मुरब्बा पुराने बरामदे में ठंडा होता हुआ गर्मियों के अंत में चुप्पी, उनींदी, धूप सेंकती वृक्षों पर पत्तियों के बीच झूलते हुये नंगे फल जहाँ सुबह धीरे-धीरे छाया पर छाया लिखती है देखो, आकाश में आज पूरा चाँद है मुझे छोड़कर न गुजर जाओ दोस्त, पुकारो और मैं फिर उठ चलूँगा
9.
बोलना शुरू कर देगा अपनी तारीफ़ सुनना नशे की आदत जेसी हो जाएगी उसकी तमाम खूबियाँ धिरेधेरे खतम हो जाएगी हर इंसान उसको अपने सामने बोना लगने लगेगा दोस्तों की समज़ाईश भी उसको बुरी लगने लगे गी दोस्त उसको दुश्मन नज़र आने लगेगा अपने आपको वोह वक़्त का बादशाह समझने लगेगा जब उसकी आँख खुले गी वक़्त उसे बहुत पीछे छोड़ गया होगा याद रहे अगर आपकी कोई तारीफ़ कर रहा हो तो आप उससे होशीयार हो जाओ दोस्त और दुश्मन की परख रखो नहीं तो आपकी बर्बादी निश्चित हे आबिद अब्बासी कोटा